Monday, September 9, 2024
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Earthquakes in Baramulla: कश्मीर में दो लगातार झटके

Earthquakes in Baramulla: कश्मीर जिले में दो लगातार झटके

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) ने कहा कि जम्मू और कश्मीर के बारामूला जिले में मंगलवार सुबह दो भूकंप आए। अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।

दो लगातार भूकंपों से बारामूला हिला – Two back-to-back quakes rock Kashmir district

जम्मू और कश्मीर के बारामूला जिले में मंगलवार सुबह 4.9 और 4.8 की तीव्रता वाले दो लगातार भूकंप आए, नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) ने यह जानकारी दी।

पहला भूकंप सुबह 6:45 बजे 4.9 की तीव्रता के साथ 10 किमी की गहराई पर आया। दूसरा झटका 4.8 की तीव्रता के साथ आया, जिसकी गहराई भी लगभग 10 किमी थी। NCS के अनुसार, दोनों भूकंपों की तीव्रता मध्यम थी, लेकिन इससे स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई।

Two back-to-back quakes rock Kashmir

कोई हताहत नहीं, लेकिन स्थिति पर नजर

फिलहाल, इन भूकंपों के कारण किसी भी तरह की हताहत या बड़े नुकसान की खबर नहीं आई है। हालांकि, प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है और किसी भी संभावित नुकसान की जांच की जा रही है। इस बीच, लोगों को सतर्क रहने और किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहने की सलाह दी गई है।

भारत में भूकंप की संवेदनशीलता

भारत की भौगोलिक स्थिति और भूकंप का खतरा

भारत एक भूवैज्ञानिक रूप से संवेदनशील देश है, क्योंकि यह भारतीय टेक्टोनिक प्लेट पर स्थित है, जो लगातार यूरेशियन प्लेट से टकरा रही है। इस टकराव के कारण देश के उत्तरी और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में भूकंप की संभावना अधिक रहती है, खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में।

भारत के भूकंप जोखिम क्षेत्र

भारत को चार भूकंपीय जोनों में विभाजित किया गया है, और अधिकांश उत्तरी और पूर्वोत्तर क्षेत्र जोन 4 और जोन 5 के अंतर्गत आते हैं, जो भूकंपीय रूप से अत्यधिक सक्रिय माने जाते हैं।

जम्मू और कश्मीर का क्षेत्र जोन 5 में आता है, जो कि भारत के भूकंप संवेदनशीलता मानचित्र में सबसे सक्रिय भूकंपीय क्षेत्र है। पहाड़ी इलाकों में उच्च जनसंख्या घनत्व इस क्षेत्र में भूकंप के कारण होने वाले नुकसान की संभावना को बढ़ा देता है।

बारामूला और भूकंप की चुनौती

बारामूला, जो कि जम्मू और कश्मीर का एक प्रमुख जिला है, भूकंप के खतरों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है। यहां की पर्वतीय भूभाग और घनी आबादी इसे और भी संवेदनशील बनाती है। प्रशासन को इस क्षेत्र में भूकंप की तैयारी और जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।

निष्कर्ष

बारामूला में आए इन दो भूकंपों ने एक बार फिर से इस क्षेत्र की भूकंपीय संवेदनशीलता को उजागर किया है। हालांकि, इस बार कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन भविष्य में बड़े भूकंपों के खतरे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। प्रशासन और लोगों को मिलकर इसके खिलाफ तैयार रहना होगा।


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